मेला
------रिया पाटनी
मेला है भाई मेला है
जगह-जगह पर ठेला है
बच्चे-बूढ़े सभी भरे हैं,
ये तो सबका मेला है।
कोई खाता चाट-पकौड़ी
कोई खाता पेड़ा है।
किसी को भाती लाल जलेबी ,
कोई खाता केला है
मेला है भाई मेला है
जगह-जगह पर ठेला है
मम्मी हमको वहाँ ले जाती
चाट-पकौड़ी हमें खिलाती
झूले पर भी हमें बिठाती
और प्यार से गले लगाती
सब लोगों को भाता मेला
सबसे प्यारा-प्यारा मेला।
------रिया पाटनी
कक्षा-8 एम स्क्वायर पब्लिक स्कूल पिथौरागढ़
Achchhi kavita...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ....
जवाब देंहटाएं-नित्यानंद गायेन