पुरवाई
रविवार, 5 मार्च 2017

कविता : निर्मल सिंह 'नीर'

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वो हिंदू मुस्लिम कह हमे भड़काते रहे   यहां हम भी हां मे हां बस मिलाते रहे , उसकी औकात नहीं की बदजुबानी करे बस हमी क...
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शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017

नक्सली एक सामाजिक और आर्थिक समस्या : प्रदीप कुमार मालवा

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'कार्य ही पूजा है' की उक्ति को ठसक के साथ स्वीकार करने वाले सन्त कवि रैदास की आज जयन्ती है। स्मरण करते हुए हम उन्हें नमन कर...
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र' की ग़ज़लें

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1- पुराने नोट बन गये खोट अब तो कुर्ते की ज़ेब दे रही चोट अब तो झूँठी देश-परिवेश की बातें सभी   ज़ेह़न में केवल बैठा वोट अब तो...
मंगलवार, 24 जनवरी 2017

अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ की कविताएं

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    अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’   की कविताएं जहां अनुभव की गहन आंच में रची पगी हैं वहीं अनगढ़ आत्मीयता की मौलिक मिठास लिए हुए हैं। ‘...
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