पुरवाई
रविवार, 18 जून 2017

मदन मोहन 'समर' की कविताएं

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1- मतभेद हुआ है मेरे घर की दीवारों में छेद हुआ है। चूल्हे - चौके में शायद मतभेद हुआ है। धूप सुनहरी बाहर...
2 टिप्‍पणियां:
शनिवार, 10 जून 2017

लकी निमेष की गजल

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  और ज्यादा मुझपे   तेरा   प्यार होना चाहिये ,,,   ग़म   मिले   लाखो   मगर ग़मख़्वार होना चाहिये !! है यही हसरत...
1 टिप्पणी:
बुधवार, 31 मई 2017

शहादत खान की कहानी : नए इमाम साहब

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         शहादत खान ने यह कहानी जिस तेवर में लिखी है उससे कई सारी परतें टूटती सी नजर आ रही हैं  । इस उम्दा कहानी के कथाकार से उम्मीदें औ...
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