पुरवाई
बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

जब केसरिया-हरे मिलेंगे : डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'

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सभी साथियों को होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है कवि मित्र  डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर' का एक गीत   जब केसरिया-हरे मिलें...
रविवार, 18 फ़रवरी 2018

सन्तोष कुमार तिवारी की कविताएं -

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            फिलहाल सो रहा था ईश्वर एवं अपने अपने दण्डकारण्य काव्य संग्रहों से चर्चा में आए युवाकवि सन्तोष कुमार तिवारी कविता...
रविवार, 11 फ़रवरी 2018

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र' की ग़ज़ल

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काग़ज की कश्ती तैराने का मन करता है आज फिर बर्षात में नहाने का मन करता है।   क्यूँ लगने लगा गंदा राह का पानी मुझको , वो बचपना फि...
बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

माधव महेश की कविताएं -

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              समकालीन कविता के परिदृश्य में सैकड़ों नाम आवाजाही कर रहे हैं। वरिष्ठ पीढ़ी के बाद युवा पीढ़ी भी काफी हद तक साहित्यिक य...
बुधवार, 17 जनवरी 2018

समकालीन परिदृश्य की कहानियाँ : रामप्रसाद राजभर

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   समीक्ष्य पुस्तक - काफिल का कुत्ता               चर्चित युवा कहानी कार विक्रम सिंह का यह तीसरा कहानी संग्रह है।इससे पूर्व ...
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