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शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

ध्रुव हर्ष की कविताएं-



 संक्षिप्त परिचय

      वर्तमान समय में कविता का फलक जिस तरह विस्तृत हुआ है और नये रचनाकारों ने साहित्याकाश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है उनमें  ध्रुव हर्ष भी अग्रसर हैं। चाय के प्यालों पर मढ़े थे और पश्चिम में नामक कविताएं अलग अलग पृष्ठभूमि में  होने के बावजूद भी ध्यानाकर्षित करती हैं।
         15 जनवरी1989 को उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले के बनकसिया शिवरतन सिंह मनकापुर में जन्मे ध्रुव हर्ष  - महाभारत इन कंटेम्पररी इंडियन इंग्लिश नावेल, पर  इलाहाबाद विश्वविद्यालय  से डी फिल कर रहे हैं। इनकी रचनाएं  दैनिक जागरण, अमर उजाला अन्य पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
आजकल अंग्रेजी साहित्यिक पत्रिका -कांफ्लुएंस के संपादन में जुटे हैं । नाटकों का संवाद, रूपांतरण गीत ,पटकथा लेखन के साथ-साथ अंग्रेजी कविताएं लिखने का शौक ।  

  यहां उनकी दो कविताएं-


 



















चाय के प्यालों पर मढ़े थे .....
 
चाय के प्यालों पर मढ़े थे
उसके होंठों के कश
जो कहीं साथ बैठे
फुर्सत के क्षणों में हमने पी थी
और तभी निहारा था
अपनी इन आँखों से
उसके सुर्ख होंठों को
मुझे पहली बार लगा
होंठों से ज्यादा स्वादिष्ट कुछ नहीं
आँखों से ज्यादा ठंडी कुछ नहीं
उसके स्पर्श से ज्यादा कोमल कुछ नहीं
उसको मुझसे ज्यादा आकर्षक कुछ नहीं
वो सब कुछ महसूस किया
और कहना चाहता था 
पर कुछ कह सका
हिचक थी और आज भी है
हिजड़े - सा मन उछल कूद कर
शांत हो गया
और दुबक गया खुद से
आज फिर गया था देखने
उसी होटल में
कुछ बदले नहीं थे
मेज़-कुर्सियां
टेबल पर रखे प्लेट-प्याले
पर कश नहीं थे उसके लाली के
जिसे  मैं चूम लेता


 


 
पश्चिम में.....

पश्चिम में
सूरज की लाली
नीले कैनवास पर
किसी प्रेमी की तरह
जब टूट कर पसरा
तो वो थके मादे
फटे चीथड़े
कपड़ों में भीगे
मेरे अपने  ही
थोड़े खून हाड़ों के सांचे 
जो इस धरती पर एलियन  हैं
जिनका दूर तक कोई मजहब नहीं
बस मुफ्लिशी के हाथों  बिकें
जिन्होंने सुबह शाम एक कर
रोटी के एक टुकड़े का जुगाड़ कर लिया था 
और मिट्टी के जूठे कुल्हड़ में
पानी डालकर  टुकड़े को डुबो रहे थे
चिल्ला रहे बच्चों को
एक थपकी देकर सुला दिए थे
आज उनके फटी चादरों में
कुछ सिक्कों को पड़े देखा
आज शायद वो  धनिया की चटनी
बना के खा सकें
और होंठों पर अनजान सी मुस्कान लाकर
दुआओं  के नाव को पत्थर पर तैरा सकें



















संपर्क       
                  हालैंड हॉल छात्रावास २८
          इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद
          मोबाइल 8004018007