बुधवार, 29 जुलाई 2020

केशव शरण की कविताएँ



केशव शरण बनारस के जाने -पहचाने रचनाकार हैं। इनका जन्म 23-08-1960 को वाराणसी में हुआ  आपकी प्रकाशित कृतियां-तालाब के पानी में लड़की , जिधर खुला व्योम होता है,एक उत्तर-आधुनिक ऋचा, दूरी मिट गयी ,क़दम-क़दम, न संगीत न फूल (कविता संग्रह) दर्द के खेत में , गगन नीला धरा धानी नहीं है,कहां अच्छे हमारे दिन( ग़ज़ल संग्रह )कड़ी धूप में (हाइकु संग्रह)








केशव शरण की कविताएँ -
1-ओस की बूंदें

मेरी आंख
दृष्टि खोती गयी
मुझे और बड़े अक्षरों की
ज़रूरत होती गयी
मैंने चश्मे लगाये
और उतारे
मैंने नदियां
सागर देखे
ओस की बूंदें न देखीं
कि फूल से उठाकर
पलकों पर सजा लेता
उन्हें उड़ने से पहले
वे लेंस को
साफ़ रखतीं नेत्र के,
फ़ांट और लेंथ और फ़ेंस को
बनने न देतीं समस्या

2-विपरीत लिंगी
मैं चांद को
चाहता हूं
क्या चांद भी
मुझे चाहता है
जिसका न सवाल पैदा होता है
न मलाल
चांद क्या
कोई भी हो
अगर वह मेरा विपरीत
लिंगी नहीं है
मेरा विपरीत लिंगी ही
सवाल और मलाल उत्पन्न करता है

3-मरहम

चिड़िया भी
मरहम लगा रही है
जैसे
हमारे अपने लगाते हैं
मन के घावों पर
मुझे इस मरहम की ही आवश्यकता है
भाषा की नहीं,
एक मीठा, आत्मीय और नि:स्वार्थ स्वर
रस और ढाढ़स से भरा
उतरता भावों में
लेपता घावों को

संपर्क- एस2/564 सिकरौल
वाराणसी  221002
मो.   9415295137



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