बृजेश कुमार अग्निहोत्री
लेखन-हाइकु, क्षणिका, दोहा,
कुण्डलियाँ,
मुक्तक,
गीत,
कविता
संस्मरण, कहानियाँ, सामयिक
लेख इत्यादि l
प्रकाशन -काव्य रंगोली,
मधुराक्षर,
अन्वेषी,
शव्दगंगा,
विन्दु
में सिंधु, फतेहपुर जनपद के हाइकुकार,
शव्द-शव्द
क्षणबोध, पथविकास आदिक पत्रिकाओं एवं संकलनों सहित अनेक राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में l
उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा के समय अतुल्य सेवा हेतु सम्मानित
काव्य रंगोली द्वारा साहित्य के क्षेत्र में काव्य भूषण सम्मान
सम्प्रति-सामान्य आरक्षित अभियंता बल (ग्रेफ) में सेवारत l
बृजेश कुमार अग्निहोत्री के दोहे
पनघट सूने हो गए, पोखर हुए उदास l
बैठ नवलकवि ढूँढ़ते, शहरों में मधुमास ll
उस निरीह की जान का, किसको रहा खयाल l
आपस में लड़ते रहे, झटका और हलाल ll
चाह रही ईशत्व की, करनी बधिक कराल l
बैठे बहशी भेड़िये, पहन संत की खाल ll
मुक्त दरिंदे बाँटते, दया न्याय की भीख l
आँगन की किलकारियाँ, बन सकती हैं चीख ll
संपर्क सूत्र-
खरौली, पोस्ट-मिराई,
जनपद-फतेहपुर, पिन-212665
जनपद-फतेहपुर, पिन-212665
मोबाईल न. 07905411920
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