मंगलवार, 26 जनवरी 2016

ममता सैनवाल की कविता -जब दुनिया में मैं आयी

समस्त देश वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है नवोदित कवयित्री ममता सैनवाल की कविता ।

 
















जब दुनिया में मैं आयी



ना गूंजा घर में गीत
ना घर में बजी बधाई थी
सबके चेहरे उतरे उतरे
जब दुनिया में मैं आयी
दादा दादी भी गुमसुम
गुमसुम चाचा ने बात बताई
क्यों नाचें हम लोग खुशी से
क्यों बांटें हम मिठाई
पापा की आंखें उदास
मम्मी की आंखें पथराई थी
सोचा था लाल ही होगा
पर ये बिटिया कहां से आयी
वो दुनिया को रचने वाले
कैसा न्याय तुम्हारा है
जो हमको तुमने लड़की बनाया
क्या ये दोष हमारा है
सोचो भाइयों और बहनों
अगर न होती जग में लड़की
झांसी की लाज बचाता कौन
सीख क्या देती दीदी हमको
दादी का प्यार दिलाता कौन ?

 















संपर्क-
ममता सैनवाल
कक्षा 11
राजकीय इण्टर कालेज गौमुख टिहरी गढ़वाल
उत्तराखण्ड 249121

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