सोमवार, 5 दिसंबर 2016

कविता-बच्चे : साहिल नाथ







बच्चे होते हैं दिल के सच्चे
प्यारे होते हैं पर थोड़ा कच्चे
बच्चे ही पहचाने देश की उन्नति का सेहरा
बडे़ होकर देते देश की सीमाओं पर पहरा
बच्चों की उम्र होती है काफी नाजुक
इसलिए ध्यान देना होता है इन्हे पढ़ाई पर
लेकिन कुछ लोग इनके उददेश्य से भटकाकर
कर देते हें इन्हें गलत रास्तों पर
कलम पकड़ने की उम्र पर पकड़ा देते हैं इनके
हाथों में बन्दूक,छुपा देते हैं इनकी प्रतिभाओं को
और बन्द कर देते हैं इनकी अच्छाइयों का सन्दूक
बच्चों को देनी होती है सही शिक्षा और सही सोच
ताकि ये बढ़ सके समाज में प्रगति पथ की ओर
बच्चे होते हैं दिल के सच्चे
प्यारे होते पर थोड़ा कच्चे।
संपर्क -
साहिल नाथ
कक्षा- 11, राइका गौमुख
टिहरी गढ़वाल , उत्तराखण्ड 249121

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