मध्य प्रदेश के मुरैना जिला में 10 जनवरी 1985 को जन्में अशोक बाबू माहौर का इधर रचनाकर्म लगातार जारी है। अब तक इनकी रचनाएं रचनाकार, स्वर्गविभा, हिन्दीकुंज, अनहद कृति आदि में प्रकाशित हो चुकी हैं।
ई.पत्रिका अनहद कृति की तरफ से विशेष मान्यता सम्मान 2014.2015 से अलंकृति ।
हाइकु
खुली किताब
कलम इठलाती
करती बक।
भिखारी रोता
देखते सब लोग
निराले होते ।
चौंच दबाये
बैठीं सब लताएँ
खामोश धीमी।
आकाश टेड़ा
लोग मुँह दबाये
नाचती दूब ।
संपर्क-
ग्राम-कदमन का पुरा
तहसील-अम्बाह,जिला-मुरैना
(मध्य प्रदेश) 476111
मो-09584414669
सहज व गंभीर कविताएँ..बधाई……
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