और ज्यादा मुझपे तेरा प्यार होना चाहिये,,,
ग़म मिले लाखो मगर ग़मख़्वार होना चाहिये!!
है यही हसरत हमारी,रात दिन पीते रहे,,
शर्त ये है साथ में मयख़्वार होना चाहिये!!
पत्थरों को तोड़ कर मैं भी तराशू इक हसीँ,,
ऐ! ख़ुदा वो हाथ में औज़ार होना चाहिये!!!
हर ग़मो को बेच दूँ मैं इक ख़ुशी के दाम पर,,
इश्क़ के बाज़ार में व्यापार होना चाहिए!!
वक़्त का पाबंद होता रोज़ आता वक़्त पे,,
ऐ! ' लकी' महबूब को अख़बार होना चाहिए!!!
संपर्क-
Lucky nimesh
greater noida
gautam buddh nagar
nimeshlucky716@gmail.com
बेहतरीन रचना बधाई...
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