05/08/1993
इस नवोदित कवि की कविता का कच्चापन एवं कसैलापन आगे मीठे
संभावनाओं से भरा है ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। तो पढ़ते हैं आज मुकेश कुमार ऋषि वर्मा की कविता -
प्रकाशन - आजादी को खोना ना, संघर्ष पथ (काव्य संग्रह)
रूचियाँ - लेखन, अभिनय, पत्रकारिता, पेंटिंग आदि
सदस्य व जिला अध्यक्ष - मीडिया फोरम ऑफ इंडिया,
मीडिया पार्टनर - एकलव्य फिल्मस एण्ड टेलीविजन, मुंबई।
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा की कविता –
मेघ की माया
यहाँ - वहाँ सर्वत्र
एक समान
बरसती है कृपा
बड़े महान
सारा संसार चलाया
मेघ की माया
धरती और गगन
सब जन
तृप्त हुए
मगन हुए
खुशिओं का मौसम आया
मेघ की माया
उन्नति की राह पर
साथ - साथ चलकर जाना
मेघ का संदेशा आया
मेघ की माया
करो जय - जय - जयकार
मिला है हमको
किसानों के देव
मेघ का प्यार
जग में क्या खोया, क्या पाया
मेघ की माया।
संपर्क -
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर,
फतेहाबाद-आगरा ,283111, उ. प्र.
मो. 9627912535, 9927809853
ईमेल - mukesh123idea@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें