रविवार, 20 मई 2018

सन्तोष कुमार तिवारी की कविताएं -



  

  फिलहाल सो रहा था ईश्वर एवं अपने अपने दण्डकारण्य काव्य संग्रहों से चर्चा में आए युवाकवि सन्तोष कुमार तिवारी कविता को जनता की जुबान में कहने के आग्रही हैं । वे सहज- सरल वाणी में जन जन के दिल की बात की पैरोकारी करते भी दिखते हैं । आप रामनगर, नैनीताल में रहते तथा अध्यापन से जुड़े हैं ।
 
सन्तोष कुमार तिवारी की कविताएं -
1-आदिम युग के लोग

एक


जीरो हैं
आदिम युग की उपलब्धियाँ

अनाज और कपड़े का
नामोनिशान नहीं था

बावजूद इतिहास में कहीं भी
भूख से मरने की खबरें
किस्से बेहयाई के नहीं मिलते |

दो

उपलब्धियाँ गिना गिनाकर
थका जा रहा अब

हजारों व्यंजन
कपड़े ही कपड़े
परंतु भूख से हुई मौतों,औ;
जिस्मानी नंगेपन का ग्राफ सामने है|

तीन
नंगापन अब
देह से होता हुआ दिमाग में
घर कर गया

यह सर्वोत्तम उपलब्धि है |

2-आज का अखबार

मेरी नजरों मे
तुम प्रेस से निकला
आज का ताजा अखबार हो
तुम्हें पर्त दर पर्त बाँचने की
उत्कंठा है|

ये उत्कंठा नयी नहीं.....

शेष है तुम्हें समझना
तुम्हारे अहसासों के हर्फ हर्फ को
जेहन में बसाना
विराट मन वाली
मेरी तुम|

3-एक दिन


खतरे में पड़े वर्तमान से
कितने बे-परवाह हम सब
ले डूबेगा एक दिन
यही आत्मसम्मोहन
अकड़ यही |

जिन्दा रहने के बारे में
तब सोचेंगे
जब मुहाल हो जायेगा
जिन्दा रहना |

जब रूठ जायेंगे हमसे
पेड़
पृथ्वी
पानी और
प्राणवायु
बेसब्री से उस दिन का
हम इन्तजार कर रहे

हम अपने गुनाह को ढकने में
सचमुच कितने माहिर हैं |

संपर्क सूत्र-  
राजकीय इण्टर कालेज, ढिकुली
रामनगर,नैनीताल

मोबा0-0941175081


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