मंगलवार, 10 जुलाई 2018

अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ की कविताएं



  दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान ,कादम्बनी,वागर्थ ,बया ,इरावती प्रतिलिपि डॉट कॉम , सिताबदियारा ,पुरवाई ,हमरंग आदि में  रचनाएँ प्रकाशित
2001  में  बालकन जी बारी संस्था  द्वारा राष्ट्रीय  युवा कवि पुरस्कार
2003   में बालकन जी बारी संस्था   द्वारा बाल -प्रतिभा सम्मान 
आकाशवाणी इलाहाबाद  से कविता , कहानी  प्रसारित
‘ परिनिर्णय ’  कविता शलभ  संस्था इलाहाबाद  द्वारा चयनित

 अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ की कविताएं

1-जब तुम मिलोगी दुबारा

जब तुम मिलोगी दुबारा
समय की गुल्लक तोडूंगा
थोड़ी यादें निकाल
बेतरतीब जोडूंगा
तुम्हारी हँसी के फुंदने टांक दूंगा अनंत में
तुम्हारी हथेलियों के आलताई रंग घोल
लहरों का रुख़ मोडूंगा
तुम्हारे पसंदीदा बातें ,
भागदौड़ के बीच रोपूँगा
अपने क़दमों को तुम्हारे साथ रोकूंगा
सुकून की पतंगे उड़ा
घुटन के गुब्बारे फोडूंगा
जब तुम मिलोगी दुबारा
समय की गुल्लक तोडूंगा
थोड़ी यादें निकाल
बेतरतीब जोडूंगा |


2-  आँसू ने जन्म लिया होगा

तप-तप के मन के आंगन ने ,
चटकी दरार का रूप लिया
सावन का बदल फेरे मुंह ,
 चुपके से निकल दिया होगा
गहरी दरार फिर भरने को ,
आँसू ने जन्म लिया होगा
दो बोल तिक्त मीठे पाकर ,
 सहमा होगा उछला होगा
फिर उमड़ घुमड़ उन बातों ने ,
बादल का रूप लिया होगा
तपते होंठों पर बूंदों ने ,
हिमकन - सा काम किया होगा
मन की ......
कोई अपना टूटा सपना ,
तो कभी पराये दर्द लिए
मन का आंगन पूरा –पूरा ,
मिट्टी से लीप दिया होगा
गहरी दरार फिर भरने को ,
आँसू ने जन्म लिया होगा

उलझी –सुलझी रेखाओं के ,
भ्रम से सहमा जब मन होगा
स्नेह भरा दीपक बनकर ,
रातों का साथ दिया होगा .


संपर्क-
अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’  
खेमीपुर, अशोकपुर , नवाबगंज 
गोंडा , उत्तर - प्रदेश
मोबाईल न. 8826957462     
mail-  singh.amarpal101@gmail.com

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