मंगलवार, 21 मई 2019

अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ की कविताएं




  दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान ,कादम्बनी,वागर्थ ,बया ,इरावती प्रतिलिपि डॉट कॉम , सिताबदियारा ,पुरवाई ,हमरंग आदि में  रचनाएँ प्रकाशित
2001  में  बालकन जी बारी संस्था  द्वारा राष्ट्रीय  युवा कवि पुरस्कार
2003   में बालकन जी बारी संस्था   द्वारा बाल -प्रतिभा सम्मान 
आकाशवाणी इलाहाबाद  से कविता , कहानी  प्रसारित
‘ परिनिर्णय ’  कविता शलभ  संस्था इलाहाबाद  द्वारा चयनित
अमरपाल सिंह ‘ आयुष्कर ’ की कविताएं

1-मेरी प्यारी साईकिल

मेरी प्यारी –प्यारी साईकिल
बिना तेल के ये चलती है
ना लेती भोजन ,पानी ये
जाने कैसे पलती है
सुबह शाम है सैर कराती
नयी –नयी ये डगर दिखाती
नहीं उगलती धुएं ये गंदे
ना करती आवाज़ ये भारी
इसके आगे पीछे बत्ती
ये जगमग –जगमग जलती है |

2-सूरज दादा
 
सूरज दादा चमक तुम्हारी
जग करती उजियारा
मगर अकेले क्यों रहते हो
संग ना कोई तारा
सुबह शाम के फेरे में
तुम भी हो जाते होगे बोर
दिनभर तुम्हे थकाता होगा
गाड़ी मोटर का भी शोर
इतनी चमक अकेले कैसे
तुम बिखराते रहते
पौधे, प्राणी, जीव -जंतु सब
राह तुम्हारी तकते
किरणों से चिट्ठी भिजवाना
लिखना राज़ चमक का
कैसे -कैसे क्या करना है
जिससे रहूँ दमकता
तेरे जैसा चमक सकूं मैं
जग को भी चमकाऊं
अम्बर में तुम, धरती पर मैं
तेरा साथ निभाऊं |


संपर्क सूत्र-
ग्राम- खेमीपुर, अशोकपुर , नवाबगंज जिला गोंडा , उत्तर - प्रदेश
मोबाईल न. 8826957462     mail-  singh.amarpal101@gmail.com

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