उत्तराखण्ड के सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ के चोढीयार
गंगोलीहाट नामक गांव में 30 अक्टूबर 1985 को जन्में उमेश चन्द्र पन्त अज़ीब ने अपनी
साहित्यिक यात्रा कविताओं से की। इनकी रूचियां -फोटोग्राफी, देशाटन, कवितां, सिक्का.संग्रह, पढना, तबला वादन एवं संगीत
में।
बकौल उमेश चन्द्र - यही कुछ साल भर पहले कविताओं की शुरुआत हुई अनजाने ही कुछ पंक्तियाँ लिखीं तो लगा के मैं भी लिख सकता हूँ बस यूँ ही एक अनजाने सफ़र की शुरुआत हो गई उम्मीद है यह सफ़र यूँ ही अनवरत चलता रहेगा क्यों कि कुछ सफरों को मंजिलों की तलाश नहीं होती वे सिर्फ सफ़र हुआ करते हैं।
समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है युवा कवि उमेश चन्द्र पंत की देशभक्ति कविताएं-
बकौल उमेश चन्द्र - यही कुछ साल भर पहले कविताओं की शुरुआत हुई अनजाने ही कुछ पंक्तियाँ लिखीं तो लगा के मैं भी लिख सकता हूँ बस यूँ ही एक अनजाने सफ़र की शुरुआत हो गई उम्मीद है यह सफ़र यूँ ही अनवरत चलता रहेगा क्यों कि कुछ सफरों को मंजिलों की तलाश नहीं होती वे सिर्फ सफ़र हुआ करते हैं।
समस्त देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है युवा कवि उमेश चन्द्र पंत की देशभक्ति कविताएं-
उमेश चन्द्र पन्त
की कविताएं
देश पुकारता है
उठ जागो , के अब देश पुकारता है
दिशाएं ये गीत गाती
तो हैं
उठ तेरे लहू की है
अब जरुरत
अंतर्मन से ये आवाज
आती तो है
लाऊँगी मैं
सुख का सवेरा
सांझ ये गीत गुगुनाती
तो है
और कुछ न सही
तमाम अंधेरों के बीच
उम्मीद की किरणें
जगमगाती तो हैं।
वतन
कर गुजरना है कुछ ग़र
तो जुनूं पैदा कर
हक को लड़ना है
रगों में खूं पैदा
कर
वतन की चमक को जो बढ़ाये
तेरी आँखों में ऐसा
नूर पैदा कर
वतन पे कुरबां होना
शान है माना
तू बस अरमां पैदा कर
शम्सीर बख़ुदा मिलेगी
तुझे तू
तू हाथों में जान पैदा
कर
अहले वतन को जरूरत
है तेरी
तू हाँ कहने का ईमान
पैदा कर
सीसा नहींए हौसला-ए-पत्थर है उनका
तू साँसों में बस आंच
पैदा कर
फ़तह मिलकर रहेगी तुझे
हौसला पैदा कर
रौंद न पाएंगे तुझे
चाह कर भी वे
कुछ ऐसा मंज़र राहों
में पैदा कर
होंगे ख़ाक वे , सामने जो आयेंगे
तू सीने में बस , आग पैदा कर।
संपर्क-
ग्राम- चोढीयार
पोस्ट-गंगोलीहाट
जिला-पिथौरागढ़ ;उत्तराखंड
वार्ता सूत्र-09897931538