अमरपाल सिंह आयुष्कर
उत्तर प्रदेश के नवाबगंज गोंडा में 01 मार्च 1980 को जन्में अमरपाल सिंह आयुष्कर ने इलाहाबाद विश्व विद्यालय से हिन्दी में एम0 ए0 किया है । साथ ही नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के एक केन्द्रीय विद्यालय में अध्यापन।
आकाशवाणी इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान हुई मुलाकात कब मित्रता में बदल गयी इसका पता ही न चला। लेकिन भागमदौड़ की जिंदगी और नौकरी की तलाश में एक दूसरे से बिछुड़ने के बाद 5-6 साल बाद फेसबुक ने मिलवाया तो पता चला कि इनका लेखन कार्य कुछ ठहर सा गया है । विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं से गुजरने के बाद लम्बे अन्तराल पर इनकी एक कविता पढ़ने को मिल रही है और वह भी नए साल के साथ।
पुरस्कार एवं सम्मान-
वर्ष 2001 में बालकन जी बारी इंटरनेशनल नई दिल्ली द्वारा “ राष्ट्रीय युवा
कवि पुरस्कार ” तथा वर्ष 2002 में “ राष्ट्रीय कविता एवं प्रतिभा सम्मान
”।
शलभ साहित्य संस्था इलाहाबाद द्वारा 2001 में पुरस्कृत ।
शलभ साहित्य संस्था इलाहाबाद द्वारा 2001 में पुरस्कृत ।
भावांजलि
नव वर्ष का यह शुभ दिन
प्रेरित करता है
अतीत की सीपिओं से ,वर्तमान का मोती चुन लेने को
जिसे स्वर्णिम भविष्य के तारों में पिरोया जा सके
अवलोकन ,मूल्यांकन उन पलों की लहरों का
जिसमे कितने टूटे ,चट्टानों से टकराकर
,
और कितनो ने तोड़ी चट्टानों की ख़ामोशी
नव वर्ष का यह शुभ दिन
उल्लसित करता है
अभिनूतन सर्जना के लिए
असफलताओं से ध्वंस हुए महलों पर
नई नीव रखने को
ह्रदय के ढीले पड़ चुके तारों को
आत्मविश्वास की अंगुलिओं से
झंकृत करने को
नव वर्ष का यह शुभ दिन
विकसित करता है
विमल भावों का कँवल पुष्प और नवीन
विचारों का उत्कर्ष
जिसकी रंगभूमि पर
मंचित हो सके –विश्व शांति का
पाठ
और विगलित हो सके
दूर से , पास से
,अपने आप से
आती हुई करूण ध्वनिओं का
आर्तनाद
संपर्क सूत्र-
अमरपाल सिंह ‘आयुष्कर’
G-64 SITAPURI
PART-2
NEW DELHI
1100045
मोबा0-8826957462
अंदर तक छूती है आपकी कविता
जवाब देंहटाएं