आज पुरवाई में पढ़े चर्चित युवा रचनाकार पवन चौहान की कविताएं
3 जुलाई 1978
शिक्षा - बी0 एस0
सी0(नाॅन
-मैडिकल), एम0 एस0 सी0 (मैथ्स)
पेशा - स्कूल शिक्षक टी0 जी0
टी0
(नाॅन
-मैडिकल)
लेखन की शुरूआत:- वैसे
2001 में
मेरा फीचर दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ। यहीं से मेरे लेखन की शुरुआत भी हुई। इसके बाद तीन वर्ष तक लिखा। फिर सात वर्ष तक
स्वास्थ्य खराब होने के कारण
कुछ भी पढ़ और लिख न सका।
पत्रिकाओं में प्रकाशित कहानियां
वर्तमान साहित्य,
कथाक्रम,
विपाशा,
विभोम
स्वर, समहुत, शीराजा, साहित्य अमृत,
अक्षर
पर्व, हरिगंधा, जागरण सखी, मधुमती,
मेरी
सजनी, द संडे पोस्ट, अक्षर-खबर, शैल-सूत्र,
जाहनवी,
वीणा,
कथा-समय,
शुभ
तारिका, सरोपमा, रु-ब-रु दुनिया,
हिमप्रस्थ,
युग
मर्यादा, जगमग दीप ज्योति, जनप्रिय हिमाचल टूडे आदि।
बेब पत्रिकाएं- अभिव्यक्ति, प्रतिलिपि
में कहानियां प्रकाशित।
पत्रिकाओं में प्रकाशित कविताएं
वागर्थ, वसुधा, विपाशा,
बया,
पाखी,
कथाक्रम,
जनपथ,
युद्धरत
आम आदमी, अक्षरपर्व, आकंठ, गाथांतर,
कविता
बिहान, यात्रा, अक्सर, रु-ब-रु
दुनिया, हिमप्रस्थ, हिमभारती, हरिगंधा,
रसरंग
(दैनिक भास्कर), कौशिकी, अक्षर-खबर, शुभ तारिका,
शब्द
मंच, सरोपमा, पालिका समाचार, जगमग
दीप ज्योति आदि।
बेब पत्रिका/ग्रुप - ई-पत्रिका इंडियारी और प्रतिलिपि आदि में
कविताएं।
अनुवाद-कविताओं का तेलगु, नेपाली,
पंजाबी
में अनुवाद।
पत्रिकाओं में प्रकाशित बाल कहानियां
नंदन, बाल भारती, बालवाटिका,
बालप्रहरी,
बाल
हंस, नन्हे सम्राट, बच्चों का देश, बालवाणी,
बाल
किलकारी, रीडर्स क्लब बुलेटिन, बालभूमि,
बालभास्कर,
देवपुत्र,
रीजनल
रिपोर्टर, बाल लेखनी, साहित्य अमृत, सोमसी,
सरस्वती
सुमन, बाल प्रभात,
पुष्पवाटिका,
अभिनव
बालमन, अंतिम जन, दैनिक ट्रिब्यून, मध्यप्रदेश जनसंदेश (बाल रंग), समय सुरभि अनंत, आदि।
बेब पत्रिकाएं-हस्ताक्षर, जय विजय
पत्रिका आदि।
अनुवाद- बाल कहानी का उड़िया में अनुवाद।
विशेषः- 1. वर्ष 2015 में
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पांचवीं कक्षा की हिन्दी
की पाठ्य पुस्तक और महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम की सातवीं कक्षा में मेरी बाल कहानी (अनोखी होली) शामिल।
2. जम्मू-कश्मीर अकादमी
की पत्रिका ‘शीराजा’(हिन्दी) तथा हिमाचल प्रदेश की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की पत्रिका ‘हिमप्रस्थ’
की
अब तक की प्रकाशन यात्रा में पहली बार
निकलने वाले बाल साहित्य विशेषांक प्रकाशन में विशेष सहयोग।
3. भारत के विभिन्न राज्यों के बाल कहानीकारों की पुस्तक के
अंतर्गत हिमाचल प्रदेश की बाल कहानी का संपादन।
समाचार पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित फीचर व
लेख
अहा! जिंदगी,
हंस,
शुक्रवार,
आऊटलुक,
मंतव्य,
साहित्य
अमृत, लोकायत, सहारा-समय, बाखली,
हिमप्रस्थ,
आवारा
मुसाफिर, प्रणाम पर्यटन, मेरी सजनी, ये
है इंडिया, मातृवंदना,
शब्द
मंच, सरोपमा, नई दुनिया (तरंग), देशबन्धु
(अवकाश), एब्सल्यूट इंडिया, दैनिक ट्रिब्यून (रविवारीय),
दैनिक
हरिभूमि (रविवारीय भारती),
मध्यप्रदेश
जनसंदेश, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, राष्ट्रीय
सहारा, अमर उजाला, अजीत समाचार, पंजाब केसरी,
नवभारत,
प्रभात
खबर, दिव्य-हिमाचल, आलोक फीचर्स (बिहार), गिरिराज
(शिमला), शब्द-मंच आदि।
बिशेष:-1. महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम,
केरल
के बी0 काॅम0 के पाठ्यक्रम में यात्रा संस्मरण शामिल।
2. वर्ष 2014 में ‘राष्ट्रीय
सहारा’ समाचार पत्र की रविवारीय मैगजीन ‘उमंग’
में
‘टूर’
नाम
से पर्यटन पर नियमित स्तंभ लिखा।
इसके अलावा शिमला दूरदर्शन और शिमला आकाशवाणी से कहानी और
कविता पाठ।
पुस्तकें:- (1) किनारे की चट्टान (कविता संग्रह),
(2) भोलू
भालू सुधर गया (बाल कहानी संग्रह)।
विभिन्न साझा संग्रह:
(1) गुंजन सप्तक-4 (कविता संग्रह) (2) कविता
अनवरत (कविता संग्रह), (3) ओस
(हिमाचल के लघुकथाकारों का साझा संग्रह), (4) व्यंग्य के नव स्वर (व्यंग्य संग्रह)।
संपादन-
1) ‘दिव्यता’ मासिक पत्रिका तथा वेब पत्रिका ‘हस्ताक्षर’
के
बाल विशेषांकों का अतिथि संपादन।
2) ‘शैल सूत्र’ (नैनीताल) और ‘नवरस मंजरी’
त्रैमासिक
पत्रिकाओं में बाल साहित्य संपादन।
सम्मान:- ‘फेगड़े का पेड़’ कविता को वर्ष 2017 का प्रतिलिपि संपादकीय
चयन कविता सम्मान, साहित्य मण्डल
श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) द्वारा बाल कहानी के लिए ‘हिन्दी साहित्य भूषण’ सम्मान, बाल साहित्य में वर्ष 2017 का ‘हिमतरु राज्य सम्मान’ (कुल्लू), ”शब्द-मंच“ (बिलासपुर, हि0 प्र0 ) द्वारा लेखन के लिए सम्मान, हिम साहित्य परिषद
(मण्डी, हि0 प्र0) द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में मेरी लिखी पहली कहानी को
पवन चौहान की बाल कविताएं
1- बच्चे
नटखट बच्चे प्यारे बच्चे
कितने सच्चे कितने अच्छे
बातों से अपनी सबको रिझाते
मस्ती में खेलते मजे से खाते
सबके दिलों में करते राज
कल की फिक्र न डर कोई आज
बात-बात में ये लड़ जाते
कुछ ही पलों में फिर मान जाते
नहीं जानते रंग भेद, जात-पात
मौज मनाते सबके साथ
तोतली बोली से सबको हंसाते
करते शरारत आते- जाते
कथा-कहानी चाव से सुनते
अपने-अपने सपने बुनते
आश्चर्य भरे इनके सवाल
करते अठखेलियां नित नये कमाल
कितने मासूम चंचल बच्चे
नटखट बच्चे प्यारे बच्चे
कितने सच्चे कितने अच्छे।
2- सुबह के मोती
निशा के अंधेरे में छुपकर
चुपके से गिरी घास पर
एक ने उसका झूला झुला
दूसरी बैठ गई पीठ पर
उगते सूरज की लाली से
जब काली चादर उठी थाल से
अनगिनत मोतियों से भरा था सागर
नीले अंबर तले धरा पर
किरणों से श्रंृगार किया था
सतरंगी चुनर ओढ़ ली सर पर
सज संवर दुल्हन बनी
घर चली अपने, सूरज की डोली
पर
मैंने छुना चाहा ओस को
डर कर गिर गई धरा पर
चकाचौंध कर दुनिया को
कुछ ही पल में खत्म हुआ सफर
सूरज के घोड़े पर सवार सब
चली गईं फिर मिलने का वादा कर
3-कम्प्यूटर
आओ बच्चो आओ
मेरे संग तुम मौज मनाओ
मैं दूंगा तुम सबको ज्ञान
एक बार जरा बटन दबाओ
तुम देखो मुझमें फिल्म या गीत
बना लो मुझको अपना मीत
कराऊंगा तुमको दुनिया भर की सैर
मेरी न किसी से दुश्मनी, न किसी से
बैर
मुझमें चाहे खेलो खेल
दोस्तों को भेजो अच्छे-अच्छे, प्यारे ई-मेल
मुझसे रंग-बिरंगे चित्र बनाओ
दुनिया को तुम खूब
सजाओ
हर विषय का ले लो पुरा ज्ञान
जब भी दिल करे, सुबह या शाम
मैं हूं हर जगह पर छाया
अब है मेरा जमाना आया
मैं विज्ञान की सर्वोत्तम देन
कर लो मुझसे कुछ भी गेन
दूंगा मैं हर सवाल का उत्तर
क्योंकि मैं हूं एक कम्प्यूटर।
संपर्क-
पवन
चौहान
गांव
व डा0-महादेव
त0-सुन्दर नगर ,मण्डी (हि0 प्र0)-175018
फोनः-
94185-82242, 98054-02242