प्रेम नंदन
हमारे समय के संभावनाशील कवि प्रेम नंदन ने इधर बहुत ही बेहतरीन
व सधी हुई कविताएं लिखी हैं । आज कल अपने कविता संग्रह की तैयारी में लगे हैं । कविताओं
को चुनने में व्यस्त। उनमें से दो कविताएं पुरवाई में पढ़ें आप भी।
1-संभावनाएं
यदि तुम नंगे हो
तो तुम्हें इसका उचक उचक कर
प्रदर्शन करना भी आना चाहिए
और यदि तुम ऐसा नहीं कर पाते
तो अपने सारे नंगेपन के बावजूद
तुम में नंगे होने की
अभी भी
बहुत सारी संभावनाएं हैं।
हर पल ,
हर दिन ,
हर मौसम में
बदलते रहते हो रंग ,
मेरे दोस्त !
पता है तुम्हे ...
आजकल,
क्या है तुम्हारा रंग ?
संपर्क-
उत्तरी
शकुननगर,
सिविल
लाइन्स ,फतेहपुर,उ0प्र0
मो0 & 9336453835
bZesy&premnandan@yahoo.in
अच्छा प्रयास ...बधाई बंधु....
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