मंगलवार, 28 जनवरी 2020

सुशांत सुप्रिय की कविताएँ

    श्री सुशांत सुप्रिय हिन्दीपंजाबी और अंग्रेज़ी में लिखते हैं. हत्यारे हे राम दलदल इनके कुछ कथा संग्रह हैंअयोध्या से गुजरात तक और इस रूट की सभी लाइनें व्यस्त हैं इनके काव्य संकलन. इनकी कई कहानियाँ और कविताएँ विभिन्न भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं. अनेक कहानियाँ  कई राज्यों के स्कूलों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित हैंकविताएँ पूणे विश्व-विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल हैं और विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थी इनकी कहानियों पर शोध कर रहे हैं. भाषा विभाग ( पंजाब ) तथा प्रकाशन विभाग ( भारत सरकार ) द्वारा इनकी रचनाएँ पुरस्कृत की गई हैं. कमलेश्वर-कथाबिंब कहानी प्रतियोगिता ( मुंबई )में लगातार दो वर्ष प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किये गए.    
    
 1. जागी नींद में

धरती पर बहुत कुछ ऐसा है
जो नहीं देख पाता हूँ मैं :

बाल मज़दूरों का
छिन गया बचपन

ऋतु के यौवन के समय
उखाड़ फेंके गए पौधे की व्यथा

घरेलू कामकाज में दिन-रात पिसती
पत्नी की थकान

रक्त में टहल रही
चापलूसी और अवसरवादिता ...

इसी तरह खुली आँखों से सो रहे
और लोग भी तो होंगे
जो नहीं देख पाते होंगे
हत्यारों को और
मासूमियत से कहते होंगे --
कितनी सुख-शांति है चारो ओर
कहाँ हैं लाशें यहाँ ? 


2. प्यार
यह ऐसे ही होता है
मैंने कहा --
अकेले आना
किंतु वह अपने साथ
पूरा वसंत ले आई
मैंने कहा --
चुपचाप आना
किंतु वह अपने साथ
पक्षियों का संगीत ले आई
मैंने कहा --
रात में आना
किंतु वह अपने साथ
चुंबनों का उजाला ले आई
मैंने कहा --
कुछ मत कहना
किंतु वह अपनी चुप्पी में भी
चाहत के गूँजते गीत ले आई

उसकी आँखों में
कोमल स्पर्श अटके हुए थे
उसके रोम-रोम में
मृदुल निगाहें उगी हुई थीं
उसकी देह में
महासागर हिलोरें ले रहा था
सोने के समय भी
उसका अंग-अंग जगा हुआ था ...

3. लापता का हुलिया 

 
उसका रंग ख़ुशनुमा था
क़द ईश्वर का-सा था
चेहरा मशाल की
रोशनी-सा था
वह ऊपर से कठोर
किंतु भीतर से मुलायम था
वैसे हमेशा
इंसानियत पर क़ायम था
अकसर वह बेबाक़ था
कभी-कभी वह
घिर गए जानवर-सा
ख़तरनाक था
उसे नहीं स्वीकार थी
तुच्छताओं की ग़ुलामी
उसे नहीं देनी थी
निकृष्टताओं को सलामी

सम्भावना की पीठ पर
सवार हो कर
वह अपनी ही खोज में
निकला था
और ग़ायब हो गया

पुराने लोग बताते हैं कि
देखने पर लगता था वह
गाँधीजी के सपनों का भारत

 

संपर्क - सुशांत सुप्रिय
ए-5001 ,
गौड़ ग्रीन सिटी , वैभव खंड , इंदिरापुरम ,
ग़ाज़ियाबाद - 201014( उ. प्र . )
मो: 8512070086
ई-मेल : sushant1968@gmail.com

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