लेखन-हाइकु, क्षणिका, दोहा,
कुण्डलियाँ,
मुक्तक,
गीत,
कविता
संस्मरण, कहानियाँ, सामयिक
लेख इत्यादि l
प्रकाशन -काव्य रंगोली,
मधुराक्षर,
अन्वेषी,
शव्दगंगा,
विन्दु
में सिंधु, फतेहपुर जनपद के हाइकुकार,
शव्द-शव्द
क्षणबोध, पथविकास आदिक पत्रिकाओं एवं संकलनों सहित अनेक राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में l
उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा के समय अतुल्य सेवा हेतु सम्मानित
काव्य रंगोली द्वारा साहित्य के क्षेत्र में काव्य भूषण सम्मान
सम्प्रति-सामान्य आरक्षित अभियंता बल (ग्रेफ) में सेवारत l
बृजेश कुमार अग्निहोत्री के दोहे
कौवे मोती चुग रहे, हंस फिरें
बेचैन l
मानसरोवर बैठकर, बगुले बोलें
बैन ll
गीदड़ भभकी दे रहे, पहन शेर की खाल l
जंगल में मंगल हुआ, खूब उड़ाओ माल ll
गोदामों में सड़ रहा, मेहनत का
आनाज l
बाट जोहता मौत की, ग्रामदेवता आज ll
धरती तपती तवे सी, जड़ चेतन बेचैन l
दया याचना कर थके, पवन तरेरे नैन ll
तपते तलवे भागते, जेठ मास लख छाँव l
पथ-पथरीला भवन मन, अतिशय करें दुराव ll
बैठ कलम लिखती रही, रोज नई तारीख l
संविधान बेदम हुआ, माँग न्याय की भीख ll
नरम-गरम बिस्तर पढ़ें, रात पूस की
सर्द l
उजियारा लिखता रहा, अँधियारे का दर्द ll
रोम-रोम चन्दन सना, मुख जपता हरि जाप l
मन कपटी व्यभिचार रत, अनुदिन करता
पाप ll
क्यों विकास के वृक्ष को, बढ़ा रहा है
खींच l
पात भिगोना छोड़कर, पहले जड़ को सींच ll
शुभचिंतक ओ कृषक के, वोट माँगना
बाद l
पहले उन्हें बताइए, मँहगी कैसे खाद ll
लागत मँहगी फसल पर, सस्ता बिके अनाज l
हलधर फिर कैसे भरे, मूलकर्ज पर ब्याज ll
बकरी माँ के भेड़िये, चाट रहे हैं
पाँव l
सत्तासुख रख ध्यान में खेल रहे हैं दाँव ll
संपर्क सूत्र-
खरौली, पोस्ट-मिराई,
जनपद-फतेहपुर, पिन-212665
जनपद-फतेहपुर, पिन-212665
मोबाईल न. 07905411920
दोहे चयन हेतु पुरवाई पत्रिका को आभार l
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