शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

बृजेश कुमार अग्निहोत्री के दोहे




                           बृजेश कुमार अग्निहोत्री 

लेखन-हाइकु, क्षणिका, दोहा, कुण्डलियाँ, मुक्तक, गीतकविता
संस्मरण, कहानियाँसामयिक लेख इत्यादि l

प्रकाशन -काव्य रंगोली, मधुराक्षर, अन्वेषी, शव्दगंगा, विन्दु में सिंधु, फतेहपुर जनपद के हाइकुकार, शव्द-शव्द क्षणबोध, पथविकास आदिक पत्रिकाओं एवं संकलनों सहित अनेक राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में
उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा के समय अतुल्य सेवा हेतु सम्मानित 
काव्य रंगोली द्वारा साहित्य के क्षेत्र में काव्य भूषण सम्मान 
सम्प्रति-सामान्य आरक्षित अभियंता बल (ग्रेफ) में सेवारत l



बृजेश कुमार अग्निहोत्री के दोहे 

कौवे मोती चुग रहेहंस फिरें बेचैन
मानसरोवर बैठकरबगुले बोलें बैन ll

गीदड़ भभकी दे रहे, पहन शेर की खाल
जंगल में मंगल हुआ, खूब उड़ाओ माल ll 

गोदामों में सड़ रहामेहनत का आनाज
बाट जोहता मौत की, ग्रामदेवता आज ll

धरती तपती तवे सी, जड़ चेतन बेचैन l
दया याचना कर थके, पवन तरेरे नैन ll

तपते तलवे भागते, जेठ मास लख छाँव
पथ-पथरीला भवन मन, अतिशय करें दुराव ll

बैठ कलम लिखती रही, रोज नई तारीख
संविधान बेदम हुआ, माँग न्याय की भीख ll

नरम-गरम बिस्तर पढ़ें, रात पूस की सर्द l
उजियारा लिखता रहा, अँधियारे का दर्द ll

रोम-रोम चन्दन सना, मुख जपता हरि जाप l
मन कपटी व्यभिचार रत, अनुदिन करता पाप ll

क्यों विकास के वृक्ष को, बढ़ा रहा है खींच
पात भिगोना छोड़कर, पहले जड़ को सींच ll

शुभचिंतक ओ कृषक के, वोट माँगना बाद l
पहले उन्हें बताइए, मँहगी कैसे खाद ll

लागत मँहगी फसल पर, सस्ता बिके अनाज l
हलधर फिर कैसे भरे, मूलकर्ज पर ब्याज ll

बकरी माँ के भेड़ियेचाट रहे हैं पाँव l
सत्तासुख रख ध्यान में खेल रहे हैं दाँव ll


संपर्क सूत्र- 
खरौली, पोस्ट-मिराई,  
जनपद-फतेहपुर, पिन-212665
मोबाईल न. 07905411920  

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